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राजस्थान सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक शानदार पहल की है, जिसका नाम है फ्री तारबंदी योजना। इस योजना के तहत अब किसानों को अपने खेतों के चारों ओर बाड़ लगाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान अब कम लागत में अपने खेतों को सुरक्षित कर सकते हैं और आवारा पशुओं से फसलों की रक्षा कर सकते हैं। सरकार का मुख्य उद्देश्य कृषि को बढ़ावा देना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वह अधिक से अधिक क्षेत्र में खेती कर सकें बिना इस डर के कि उनकी फसल को नुकसान पहुंचेगा।
फ्री तारबंदी योजना क्या है और क्यों है जरूरी?
फ्री तारबंदी योजना किसानों को उनके खेतों के चारों ओर मजबूत कांटेदार तारों से बाड़ लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। इस बाड़ का निर्माण खास इस्पात के तारों से किया जाता है जो जंग प्रतिरोधी और टिकाऊ होते हैं। तारों पर नुकीले कांटे लगे होते हैं जो जानवरों को खेत में प्रवेश करने से रोकते हैं, जिससे फसल सुरक्षित रहती है। छोटे और सीमांत किसान अक्सर आर्थिक तंगी के चलते खेतों में बाड़ नहीं लगा पाते थे, लेकिन इस योजना ने उनकी यह समस्या अब खत्म कर दी है।
कांटेदार तारबंदी की विशेषताएं
कांटेदार तारबंदी की सबसे बड़ी खासियत इसकी मजबूती और टिकाऊपन है। इस बाड़ को विशेष प्रकार के स्टील वायर से बनाया जाता है जो लम्बे समय तक खराब नहीं होता और न्यूनतम रखरखाव के साथ फसल की सुरक्षा करता है। इसके अलावा सुरक्षा जरूरतों के अनुसार एक या अधिक पंक्तियों में तार लगाए जा सकते हैं, जिससे बाड़ को और मजबूत बनाया जा सकता है। तेज कांटे जानवरों को बाड़ छूने या उसे पार करने से रोकते हैं, जिससे फसलों की रक्षा सुनिश्चित होती है।
योजना के लाभ और संभावित नुकसान
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसानों की फसलें आवारा पशुओं से सुरक्षित हो जाती हैं, और अन्य प्रकार की बाड़बंदी की तुलना में तारबंदी काफी किफायती साबित होती है। साथ ही इसे लगाने में ज्यादा समय या मेंटेनेंस की भी जरूरत नहीं होती। हालांकि, कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं जैसे कि बाड़ के तेज कांटों से जानवर घायल हो सकते हैं या घबराहट में फंस सकते हैं। इसके अलावा, यह बाड़ प्राकृतिक दृश्यों को भी प्रभावित कर सकती है क्योंकि यह दूर से स्पष्ट दिखाई नहीं देती है।
कौन और कैसे ले सकता है योजना का लाभ?
फ्री तारबंदी योजना का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जो राजस्थान के स्थायी निवासी हैं और जिनके पास कम से कम 0.5 हेक्टेयर भूमि हो। पहले यह सीमा 1.5 हेक्टेयर निर्धारित थी, जिसे घटाकर छोटे किसानों को भी लाभ पहुंचाने के लिए संशोधित किया गया है। अगर दो या दो से अधिक किसान मिलकर आवेदन करते हैं तो उनके पास कम से कम 1.5 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। एक और जरूरी शर्त यह है कि आवेदक किसान ने इससे पहले किसी भी तरह की तारबंदी योजना का लाभ नहीं लिया हो।
सब्सिडी कितनी मिलेगी?
सरकार लघु और सीमांत किसानों को कुल लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम ₹48,000 तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। वहीं अन्य किसानों को कुल लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम ₹40,000 तक सहायता मिलती है। यदि सामूहिक रूप से किसान योजना का लाभ लेते हैं तो उन्हें कुल लागत का 70 प्रतिशत या प्रति किसान अधिकतम ₹56,000 तक की सहायता दी जाती है। यह सहायता अधिकतम 400 रनिंग मीटर तक की बाड़बंदी पर दी जाती है। यदि खेत की परिधि 400 मीटर से अधिक है तो शेष कार्य किसान को स्वयं करवाना होगा।
आवेदन कैसे करें और कौनसे दस्तावेज जरूरी हैं?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को राजस्थान सरकार के “राज किसान पोर्टल” के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन करते समय जन आधार कार्ड, आधार कार्ड, भूमि से जुड़े दस्तावेज और अन्य आवश्यक प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है। सभी दस्तावेजों को सही तरीके से अपलोड करना जरूरी है ताकि आवेदन प्रक्रिया में कोई बाधा न आए और सब्सिडी समय पर प्राप्त हो सके।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार की फ्री तारबंदी योजना किसानों के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम है, जो उन्हें न केवल फसलों की सुरक्षा देता है बल्कि कृषि क्षेत्र में उनकी आत्मनिर्भरता भी बढ़ाता है। आवारा पशुओं से फसल को बचाने के लिए अब किसानों को किसी अतिरिक्त आर्थिक बोझ का सामना नहीं करना पड़ेगा। यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो जल्द से जल्द आवेदन करें और अपने खेत को सुरक्षित बनाएं। योजना से जुड़ी और अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर अवश्य विजिट करें।