मूल शांति के लिए 27 पत्ते Shree Brand

Shree Brand मूल शांति में उपयोग होने वाली सामग्री

पंचमेवा जनेऊ शक्कर दही तिलों का तेल एक कच्चा घड़ा जिसमें 101 छेद हो 27 कुओं को का पानी दाख जटामांसी उड़द की दाल एक मूल की मूर्ति गुलाल गंगा जल शहद दूध हल्दी सात प्रकार का अन्न सात प्रकार की मिट्टी कमल गट्टा नवग्रह संविदा पान चंदन पचरंगा 27 पेड़ों के पत्ते सतावर भोजपत्र गुड जौ घी हवन की लकड़ी

Shree Brand मूल दोष शांति पूजा विधि

सबसे पहले पूजा स्थल को साफ कर लें और वहां एक चौकी बिछा लें।चौकी के बगल में कलश स्थापित करें.अब चौकी पर नवग्रह बनाएं और मूल नक्षत्र की सोने की मूर्ति रखें। यदि मूल नक्षत्र की मूर्ति न हो तो गोपाल जी की मूर्ति रखें।अब 101 छेद वाले एक बर्तन में सात प्रकार के अनाज, सात स्थानों की मिट्टी, 27 स्थानों का जल, 27 पेड़ों के पत्ते, पंचगव्य डालें।अब माता-पिता को बच्चे को गोद में लेकर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।अब बच्चे, माता और पिता को छेद वाले घड़े से नहलाएं। नक्षत्र के अनुसार पूजा मंत्र का जाप करें।

मुल दोष शांति पूजा के लाभ

शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव समाप्त होता है और स्वास्थ्य सदैव अच्छा बना रहता है मूल शांति पूजा से शिशु के मातापिता के ऊपर लगने वाले दुष्प्रभाव दूर होते है | इस पूजा से घर में होने वाले आर्थिक नुकसान से रक्षा होती है | शिशु उसके भाई बहनो और माता पिता के साथ सैदव अच्छा तालमेल और प्रेम रहता है | परिवार पर से अशुभ नक्षत्र की छाया दूर होती है और सुख शांति बनी रहती है |

27 पत्ते और उनके नक्षत्र

अश्विनी के लिए कोचिला भरणी के लिए आंवला कृतिका के लिए गुलहड़ रोहिणी के लिए जामुन मृगशिरा के लिए खैरआर्द्रा के लिए शीश मपुनर्वसु के लिए बांस पुष्य के लिए पीपलअश्लेषा के लिए नाग केसर मघा के लिए बट पूर्वा के लिए पलाश उत्तरा के लिए पाकड़ हस्त के लिए रीठा चित्रा के लिए बेल स्वाती के लिए अर्जुन विशाखा के लिए कटैयाअनुराधा के लिए भालसरी ज्येष्ठा के लिए चीर मूल के लिए शाल पूर्वाषाढ़ के लिए अशोक उत्तराषाढ़ के लिए कटहल श्रवण के लिए अकौन धनिष्ठा के लिए शमी शतभिषा के लिए कदम्ब पूर्वाभाद्रपद के लिए आम उत्तराभाद्रपद के लिए नीमऔर रेवती नक्षत्र के लिए उपयुक्त फल देने वाला महुआ पेड़ उत्तम बताया गया है।

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